Edited By Ramkesh, Updated: 14 Apr, 2023 03:51 PM

असदुद्दीन ओवैसी ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर पर योगी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून को भूला देना चाहती है वो रूल ऑफ गन के जरिए सत्ता चलाते हैं। उन्होंने पुलिस की एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा,...
हैदराबाद / लखनऊ: असदुद्दीन ओवैसी ने माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर पर योगी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून को भूला देना चाहती है वो रूल ऑफ गन के जरिए सत्ता चलाते हैं। उन्होंने पुलिस की एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा, ''एनकाउंटर वाली जगह पर कच्चा रास्ता है। यहां पॉवर फैक्ट्री और पॉवर डैम है। ऐसे में इस रास्ते में गाड़ी पंद्रह से बीस किलोमीटर की रफ्तार से नहीं चलती। एफआईआर कहती है कि पुलिस पीछे से आई लेकिन वहां दीवार होने के कारण गाड़ी कैसे आ सकती है।
इसके पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धर्म के नाम पर ‘‘एनकाउंटर'' कर रही है। उन्होंने कहा क्या हरियाणा में दो युवकों को जलाने वालों को भी किसी मुठभेड़ में मारा जाएगा। ओवैसी तेलंगाना के निजामाबाद में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस साल फरवरी में हरियाणा में जुनैद और नसीर की कथित गौरक्षकों द्वारा हत्या का जिक्र किया। उन्होंने सवाल किया, "हरियाणा में किसकी सरकार है? क्या घरों पर बुलडोजर नहीं चलाया जा रहा है? ... क्या आप जुनैद और नसीर की जान लेने वालों को गोली मार देंगे?" ओवैसी ने कहा, "... आप धर्म के नाम पर मुठभेड़ करते हैं। क्या आप जुनैद और नसीर के हत्यारों का सफाया कर सकते हैं? आप ऐसा नहीं करेंगे। अभी तक, सिर्फ एक पकड़ा गया है और नौ लापता हैं।"
उन्होंने कहा कि गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद की मुठभेड़ में मारे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की तथाकथित मुठभेड़ों के जरिए कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, "आप संविधान का एनकाउंटर करना चाहते हैं। आप कानून के शासन को कमजोर करना चाहते हैं। फिर अदालतें, सीआरपीसी (दण्ड प्रक्रिया संहिता), आईपीसी (भारतीय दंड संहिता), न्यायाधीश, सरकारी वकील किस लिए हैं?" एआईएमआईएम नेता ने सवाल किया, ‘‘यदि आपने यह तय कर लिया है कि हम गोलियों से न्याय करेंगे, तो अदालतों को बंद कर दें। न्यायाधीश क्या करेंगे? कानून का राज होना चाहिए ... यह अदालत का काम है। आपका नहीं। आप अपराधी को पकड़ें। आपको अपराधी को सजा दिलाएं।”