Edited By Diksha Raghuwanshi, Updated: 04 Aug, 2025 05:26 PM
नई दिल्ली में नकली सामान, अवैध व्यापार और ब्रांड सुरक्षा पर हाल ही में हुए दो दिन के एशिया सुरक्षा सम्मेलन...
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। नई दिल्ली में नकली सामान, अवैध व्यापार और ब्रांड सुरक्षा पर हाल ही में हुए दो दिन के एशिया सुरक्षा सम्मेलन और प्रदर्शनी 2025 में रॉडनी वैन डूरेन, हेड - इलिसिट ट्रेड प्रिवेंशन, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल ने कहा कि अवैध तंबाकू व्यापार को रोकने के लिए उन देशों के साथ लगातार सरकार-से-सरकार बातचीत जरूरी है, जहां से यह सामान आता है या जिनके रास्ते से होकर गुजरता है। उन्होंने कानून लागू करने वाली एजेंसियों, नीति निर्माताओं, सुरक्षा समाधान देने वालों और ब्रांड मालिकों से कहा कि अवैध तंबाकू उत्पाद नियमों की कमियों और निगरानी की कमी का फायदा उठाते हैं। इसे रोकने के लिए तुरंत ध्यान देने और सीमा शुल्क के अलावा अन्य मंत्रालयों के बीच आपसी तालमेल की जरूरत है।
‘अवैध व्यापार का बढ़ता खतरा – वैश्विक समस्या – पूर्ण समाधान’ विषय पर बोलते हुए, रॉडनी वैन डूरन ने कहा, “अवैध व्यापार एक बड़ा वैश्विक खतरा है, जो कानूनी व्यवसायों को नुकसान पहुंचाता है, सरकारी आय को कम करता है और लोगों को असुरक्षित उत्पादों का सामना करना पड़ता है। भारत को हर साल लगभग 1.65 बिलियन डॉलर का नुकसान होता है, क्योंकि 25% तंबाकू बाजार अवैध है और इससे हर साल करीब 12,000 नौकरियां चली जाती हैं। आसियान देशों को अवैध व्यापार से तंबाकू के टैक्स रेवेन्यू में 3-4 बिलियन डॉलर का नुकसान होता है।”
उन्होंने आगे कहा, “एशियाई देशों में कंबोडिया नकली सिगरेट का मुख्य स्रोत है, जो भारत, थाईलैंड और फिलीपींस जैसे बाजारों को प्रभावित करता है। वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड और मलेशिया इस व्यापार के लिए प्रमुख रास्ते के रूप में काम करते हैं।”
द वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (डब्ल्यूएचओ) के तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन ने भारत को अवैध तंबाकू व्यापार के लिए एक ट्रांजिट हब और प्रमुख गंतव्य दोनों के रूप में पहचाना है। तस्करी के रास्ते विश्व स्तर पर फैले हुए हैं, जिससे यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है जिसके लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।
अवैध तंबाकू व्यापार से दुनिया में टैक्स नुकसान हर वर्ष 40-50 बिलियन डॉलर अनुमानित है, जो लगभग 500 बिलियन सिगरेट या वैश्विक खपत का 14-15% है। नकली सिगरेट एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा प्रस्तुत करती हैं, जिनमें 160% तक अतिरिक्त टार, 133% अधिक कार्बन मोनोऑक्साइड और हानिकारक रसायन होते हैं। इसके अलावा, वैश्विक अवैध सिगरेट व्यापार का 40% से अधिक हिस्सा अवैध सफेद सिगरेट का है, जो गंतव्य देश के कानूनों का पालन किए बिना निर्यात के लिए निर्मित की जाती हैं।
पीएमआई ने लंबे समय से ऐसी तकनीकों में निवेश किया है जो सप्लाई चेन को सुरक्षित रखती हैं। अवैध तंबाकू व्यापार को रोकने के लिए, कंपनी की रणनीति पांच मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है: अनुसंधान और जानकारी, सप्लाई चेन की सुरक्षा, साझेदारी, हितधारकों के साथ सहयोग और जागरूकता बढ़ाना। भारत और वैश्विक स्तर पर, पीएमआई ने पिछले दस सालों में कानून प्रवर्तन और जांच एजेंसियों के साथ मिलकर अवैध सिगरेट व्यापार के खिलाफ लड़ाई में बड़ा योगदान दिया है। कंपनी ने दुनिया के 150 से अधिक बाजारों में स्वेच्छा से एडवांस्ड ट्रैकिंग एंड ट्रेसिंग (टीएंडटी) सिस्टम लागू किए हैं, जिससे बेहतर निगरानी, मजबूत नियमों का पालन और अवैध तंबाकू व्यापार में कमी देखी गई है।
अवैध सिगरेट व्यापार को रोकने के लिए अपनी सलाह देते हुए, वैन डूरन ने कहा कि काले बाजार को तोड़ने के लिए कई तरह के कदम उठाना जरूरी है। भारत के लिए इसका मतलब है आम चुनौतियों पर आसियान देशों के साथ मिलकर काम करना, स्रोत और रास्ते वाले देशों के साथ लगातार सरकार-से-सरकार बातचीत, उत्पादन और निर्यात नीतियों को मजबूत करना, और सभी तंबाकू निर्यात के लिए प्रभावी ट्रैकिंग और ट्रेसिंग सिस्टम लागू करना।
आसियान ब्लॉक स्तर पर, संयुक्त कार्य बल बनाने और उसे सक्रिय करने, भारत और आसियान के बीच विनिर्माण, निर्यात, और सामान की आवाजाही (पारगमन/ट्रांसशिपमेंट) में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाता है। इसके अलावा, बाजार की जरूरतों का पालन करने के लिए व्यापार नियमों को बेहतर करने तथा संदिग्ध शिपमेंट पर सरकारों के बीच खुले संचार और सहयोग और निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम करने पर भी फोकस किया जा रहा है।